Internal factionalism in BJP on some seats in Gujarat a topic of discussion

गुजरात में कुछ सीटों पर बीजेपी में अंदरूनी गुटबाजी चर्चा का विषय

अहमदाबाद, 31 मार्च। लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान गुजरात में कुछ सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर बीजेपी में अंदरूनी गुटबाजी चर्चा का विषय बन रही है। ये सीटें हैं पोरबंदर, राजकोट, साबरकांठा और बीजापुर के बाद अब अमरेली सीट। इसके आलावा कुछ अन्य सीटों पर भी अंदरूनी हाहाकार के संकेत मिले हैं।

साबरकांठा

गुजरात में बीते एक दशक में ऐसा पहली बार दिखाई दे रहा है। साबरकांठा के पूर्व उम्मीदवार भीखाजी ठाकोर के समर्थक शोभनाबेन का कड़ा विरोध कर रहे हैं। मौजूदा प्रत्याशी शोभना को बीजेपी के ज़मीनी कार्यकर्ता बाहरी प्रत्याशी मान रहे हैं। इस अंदरूनी संघर्ष को शांत करने के लिए सीएम भूपेन्द्र पटेल और प्रदेश बीजेपी आलाकमान ने अपनी कोशिशें तेज़ कर दी हैं। लेकिन राजनीति की समझ रखनेवालों का कहना है कि वोटरों के पास यह मैसेज तो पहुँच ही गया है कि खिचड़ी पेंदे में जलने लगी है।
मुख्यमंत्री आवास पर भाजपा की उच्च स्तरीय बैठक हुई और इसमें सीएम पटेल और सीआर पाटिल ने साबरकांठा और अरवल्ली जिलों के नेताओं से विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए कहा।
इस बैठक में डैमेज कंट्रोल के साथ-साथ पर्दे के पीछे भूमिका निभाने वाले लोगों के बारे में भी जानकारी हासिल की गई। सभी पदाधिकारियों को मीडिया से दूर रहने की हिदायत दी गयी।

जूनागढ़

केंद्रीय मंत्री और जूनागढ़ लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार पुरूषोत्तम रूपाला की हालत बेहद खराब हो गई है। उनके द्वारा क्षत्रिय समाज पर की गई टिप्पणी के बाद समाज में काफी गुस्सा है। हालाँकि रूपाला दो बार माफी मांग चुके हैं।
रूपाला पर अनुसूचित जाति समुदाय का अपमान करने का आरोप लगाया गया है। कहा गया है कि गोंडल में एक कार्यक्रम में रूपाला ने एक बयान दिया जिससे कथित तौर पर अनुसूचित जाति समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची। सामाजिक कार्यकर्ता अजय कुमार नानजीभाई वनवी ने जूनागढ़ के वंथली पुलिस स्टेशन में अत्याचार अधिनियम के तहत पुरूषोत्तम रूपाला के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
याचिका में लिखा गया है कि अपने भाषण के दौरान परषोत्तम रूपाला ने बयान दिया है कि यह कार्यक्रम उनके किसी काम का नहीं था और हम वहां पहुंच गए, जिससे अनुसूचित जाति समाज की भावनाएं आहत हुई हैं।
गुजराती मीडिया में आई खबरों के अनुसार रूपाला के खिलाफ याचिका दायर करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अजय कुमार नानजीभाई वानवी ने कहा, ”पुरुषोत्तम रूपाला का माफी कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस माफी कार्यक्रम में क्षत्रिय समाज को प्रिय बताने के लिए दलित समाज को नीचा दिखाने के लिए जिन इशारों और शब्दों का प्रयोग किया गया उससे गुजरात और भारत के दलित समाज की भावनाएं आहत हुई हैं। जिसके बाद मैंने शिकायत दर्ज कराने के लिए आवेदन किया है।’ साथ ही शिकायत दर्ज न होने पर सामाजिक कार्यकर्ता ने कोर्ट में अर्जी दाखिल करने की भी तैयारी दिखाई है।”

अमरेली

अमरेली में बीजेपी कार्यकर्ता और स्थानीय नेता भरत सुतारिया को लोकसभा टिकट देने से नाराज नजर आ रहे हैं। अमरेली में चल रहे विवाद के बीच बीजेपी के स्थानीय बड़े नेता भरत कनाबर ने सोशल मीडिया पर एक जानकारीपूर्ण पोस्ट शेयर किया है। यह पोस्ट अब गुजरात के राजनीतिक गलियारों में खूब वायरल हो रही है।

डॉ. भरत कनाबर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर ट्वीट करते हुए लिखा कि राष्ट्रवाद, ईमानदारी, समर्पण और पार्टी के प्रति वफादारी की बातें – “बर्तन में अंगूठी” बन गई हैं।