आम बजट–1 : एक करोड़ परिवारों को गरीबी से बाहर निकालने का लक्ष्य

नई दिल्ली, 1 फरवरी (जनसमा) | केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली बुधवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2017-18 के लिए आम बजट पेश कर रहे हैं। बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने प्रस्ताव रखा कि आगामी वर्ष में लगभग 1 करोड़ परिवारों को गरीबी से बाहर निकाला जाएगा। साथ ही कॉन्ट्रैक्ट खेती के लिए नया कानून बनाया जाएगा।

उन्होंने इस साल भी मनरेगा के तहत 5 लाख तालाब बनाने के लक्ष्य रखा। साथ ही उन्होंने मनरेगा में अंतरिक्ष विज्ञान की भी मदद लेने की बात कही। मनरेगा में काम की जांच के लिए स्पेस तकनीकी की भी मदद ली जाएगी।

वित्तमंत्री द्वारा पेश आम बजट के कुछ अंश:-

– जेटली ने यह भी प्रस्ताव रखा कि ग्रामीण इलाकों में 60 प्रतिशत सेनीटेशन प्रबंधन किया जाएगा।

– वित्तमंत्री ने अपने प्रस्ताव में कहा कि 600 जिलों में प्रधानमंत्री कौशल केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

– स्कूलों में विज्ञान शिक्षा पर जोर दिया जाएगा। स्कूलों में सालाना पढ़ाई के नतीजे जानने की योजना है।

– देश भर में सड़कों का जाल फैलाने की योजना है।

– 4818 करोड़ रुपया दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के लिए निर्धारित किया गया है।

– मार्च 2018 तक सभी गांवों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य है।

– प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 19 हजार करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।

– झारखण्ड और गुजरात में नए एम्स अस्पताल खोले जाएंगे।

– अफोर्डेबल हाउसिंग को इंफ्रा का दर्जा मिलेगा।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने शुरुआती बजट भाषण में नोटबंदी को सरकार का एक साहसिक कदम बताया और कहा कि इससे दशकों से जारी कर चोरी को रोकने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, “महंगाई नियंत्रित हो गई है। निम्न विकास दर की जगह उच्च विकास दर ने ले ली है और काले धन के खिलाफ व्यापक स्तर पर अभियान शुरू किया गया है।”

उन्होंने आश्वस्त किया कि अगले वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट आएगी।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में बजट में शामिल प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

देश के इतिहास में पहली बार बजट तय समय से करीब एक महीने पहले पेश हो रहा है। इस बार रेल बजट और आम बजट एक साथ पेश हो रहे हैं, जबकि 1924 से ही रेल बजट अलग पेश होने की परंपरा रही है।

इस बजट से लोगों को बहुत सी उम्मीदें हैं। आम लोगों को आयकर अधिनियम की धारा 80सीसी के तहत कर छूट की सीमा बढ़ाए जाने की उम्मीद है तो उद्योग जगत को कॉर्पोरेट कर, उत्पाद एवं सीमा शुल्क में सुधार की उम्मीद है।

इसमें कुछ ऐसे प्रस्तावों को भी पेश किए जाने की उम्मीद है, जिससे नोटबंदी के कारण प्रभावित हुई देश की अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने में मदद मिलेगी।

(टेलीविजन फोटो)