झारखण्ड की लगभग 5 लाख महिलाओं को उद्यमी सखी के नाम से जाना जाएगा

रांची, 19 जून (जनसमा)। झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य से गरीबी को मिटाने के लिए शिक्षा एक महत्वपूर्ण औजार है, यह विकास की धूरी है। मुख्यमंत्री उद्यमी बोर्ड के अन्तर्गत राज्य के 32 हजार ग्रामों में प्रत्येक में उद्यमी सखी मण्डल की परिकल्पना की गई है। प्रत्येक गांव से 15 उद्यमी सखी को संगठित किया जाएगा। कुल 4 लाख 80 हजार महिलाओं को उद्यमी सखी के नाम से जाना जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र के बाद शहरी क्षेत्र के गरीब महिलाओं को भी इससे जोर उन्हें हुनरमन्द बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री रविवार को जमशेदपुर के बारीडीह बस्ती में छठ घाट एवं पार्क के शिलान्यास कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहे थे।

रघुवर दास ने कहा कि राज्य सरकार की मान्यता है कि आधी आबादी को स्वावलम्बी बनाकर राज्य का वास्तविक विकास होगा। आधी अबादी अर्थात राज्य की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शीघ्र ही मुख्यमंत्री उद्यमी बोर्ड का गठन किया जाएगा। इसके माध्यम से जिला, प्रखण्ड तथा ग्राम स्तर तक महिलाओं को आजीविका का सम्बल प्राप्त होगा, वे आत्मनिर्भर बनेंगी। उन्होंने कहा कि बालक-बालिका के मध्य भेद-भाव न करें। बच्चियों को शिक्षित बनाएं। एक महिला पूरे परिवार के शिक्षा-संस्कार की आधारशिला तैयार करती है और संस्कारशील परिवार से सुसंस्कृत समाज निर्मित होता है।

दास ने कहा कि सरकार के विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित होकर युवक-युवतियां स्वयं जीविकोपार्जन करने के साथ-साथ अन्य लोगों को भी रोजगार दे सकते हैं। कौशल विकास के तहत् किए जा रहे कार्यों को मुद्रा योजना अथवा केन्द्र सरकार के स्टार्ट-अप इण्डिया कार्यक्रम के तहत् अन्य लाभ दिए जा सकते हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हरि मन्दिर प्रांगण में नवयुवकों के लिए ओपेन जिम के निर्माण की घोषणा की। उन्होंने कहा कि युवाओं के सौष्ठव से स्वस्थ झारखण्ड का निर्माण होगा। इसके लिए राज्य के कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में भी जिम की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि बारीडीह बस्ती की लम्बे समय से की जा रही मांग को पूर्ण करने हेतु सूर्य आराधना के लिए छठ घाट की आधारशिला रखी गई है।