COVID-19

National war memorial बनकर तैयार : प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी

National war memorial बनकर तैयार हो चुका है। 25 फरवरी को  सेना को सुपुर्द कर दिया जाएगा। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मन की बात ’की 53वीं कड़ी में यह जानकारी 24 फरवरी, रविवार को दी।

प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन के कुछ अंश इसप्रकार हैं :

“आजादी के इतने लम्बे समय तक, हम सबको, जिस war memorial का इन्तजार था, वह अब ख़त्म होने जा रहा है।

इसके बारे में देशवासियों की जिज्ञासा, उत्सुकता बहुत स्वाभाविक है।

NarendraModiApp पर उडुपी, कर्नाटक के श्री ओंकार शेट्टी जी ने National War Memorial तैयार होने पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की है।

मुझे आश्चर्य भी होता था और पीड़ा भी कि भारत में कोई National War Memorial नहीं था। एक ऐसा मेमोरियल, जहाँ राष्ट्र की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीर जवानों की शौर्य-गाथाओं को संजो कर रखा जा सके।

मैंने निश्चय किया कि देश में, एक ऐसा स्मारक अवश्य होना चाहिये।

हमने National War Memorial के निर्माण का निर्णय लिया और मुझे खुशी है कि यह स्मारक इतने कम समय में बनकर तैयार हो चुका है।

कल,यानि 25 फरवरी को,हम करोड़ों देशवासी इस राष्ट्रीय सैनिक स्मारक को, हमारी सेना को सुपुर्द करेंगे। देश अपना कर्ज चुकाने का एक छोटा सा प्रयास करेगा।

दिल्ली के दिल यानि वो जगह, जहाँ पर इंडिया गेट और अमर जवान ज्योति मौजूद है बस उसके ठीक नज़दीक में, ये एक नया स्मारक बनाया गया है।

मुझे विश्वास है ये देशवासियों के लिए राष्ट्रीय सैनिक स्मारक जाना किसी तीर्थ स्थल जाने के समान होगा।

राष्ट्रीय सैनिक स्मारक स्वतंत्रता के बाद सर्वोच्च बलिदान देने वाले जवानों के प्रति राष्ट्र की कृतज्ञता का प्रतीक है।

स्मारक का डिजाईन,हमारे अमर सैनिकों के अदम्य साहस को प्रदर्शित करता है। राष्ट्रीय सैनिक स्मारक का concept, Four Concentric Circlesयानी चार चक्रों पर केंद्रित है, जहाँ एक सैनिक के जन्म से लेकर शहादत तक की यात्रा का चित्रण है।

अमर चक्र की लौ, शहीद सैनिक की अमरता का प्रतीक है। दूसरा circle वीरता चक्र का है जो सैनिकों के साहस और बहादुरी को प्रदर्शित करता है।

यह एक ऐसी gallery है जहाँ दीवारों पर सैनिकों की बहादुरी के कारनामों को उकेरा गया है। इसके बाद, त्याग चक्र है यह circle सैनिकों के बलिदान को प्रदर्शित करता है। इसमें देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों के नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखे गए हैं।

इसके बाद रक्षक चक्र, सुरक्षा को प्रदर्शित करता है। इस circle में घने पेड़ों की पंक्ति है। ये पेड़ सैनिकों के प्रतीक हैं और देश के नागरिकों को यह विश्वास दिलाते हुए सन्देश दे रहे हैं कि हर पहर सैनिक सीमा पर तैनात है और देशवासी सुरक्षित है।

कुल मिला कर देखें तो राष्ट्रीय सैनिक स्मारक की पहचान एक ऐसे स्थान के रूप में बनेगी जहाँ लोग देश के महान शहीदों के बारे में जानकारी लेने, अपनी कृतज्ञता प्रकट करने, उन पर शोध करने के उद्देश्य से आयेंगे।

यहाँ उन बलिदानियों की कहानी है जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण नयौछावर कर दिए हैं ताकि हम जीवित रह सकें ताकि देश सुरक्षित रहे और विकास कर सके। देश के विकास में हमारे सशस्त्र बलों, पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के महान योगदान को शब्दों में अभिव्यक्त करना संभव नहीं है।

पिछले साल अक्टूबर में मुझे National Police Memorial को भी देश को समर्पित करने का सौभाग्य मिला था। वह भी हमारे उस विचार का प्रतिबिम्ब था जिसके तहत हम मानते हैं कि देश को उन पुरुष और महिला पुलिसकर्मियों के प्रति कृतज्ञ होना चाहिए जो अनवरत हमारी सुरक्षा में जुटे रहते हैं।

मैं आशा करता हूँ कि आप राष्ट्रीय सैनिक स्मारक और National Police Memorial को देखने जरुर जायेंगे।

आप जब भी जाएँ वहाँ ली गयी अपनी तस्वीरों को social media  पर अवश्य share करें ताकि दूसरें लोगों को भी इससे प्रेरणा मिले और वे भी इस पवित्र स्थल, इस memorial को देखने के लिए उत्सुक हों।”