Shyama Prasad Mukherjee port

कोलकाता बंदरगाह का नया नाम अब श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह

कोलकाता बंदरगाह (Kolkata Port) का नया नाम अब श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह (Syama Prasad Mookerjee Port) होगा।

कोलकाता बंदरगाह (Kolkata Port) पहला प्रमुख  और नदी के किनारे स्थित देश का पहला बंदरगाह है।

प्रधानमंत्री  नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में बुधवार 03 जून को नई दिल्ली में हुई बैठक में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने कोलकाता बंदरगाह का नया नाम श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह (Syama Prasad Mookerjee Port) करने की अनुमति दे दी है।

कोलकाता बंदरगाह ट्रस्‍ट के बोर्ड ऑफ ट्रस्‍टी ने 25 फरवरी 2020 को हुई अपनी बैठक में एक प्रस्‍ताव पारित कर विधिवेत्‍ता, शिक्षक, विचारक और जन साधारण के नेता श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी को बहुआयामी प्रतिभा के धनी के रूप में ध्‍यान में रखकर  कोलकाता बंदरगाह को नया नाम श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी करने की मंजूरी दे दी थी।

कोलकाता बंदरगाह (Kolkata Port)  की 150वीं जयंती के उद्घाटन समारोह के अवसर पर 12 जनवरी 2020 को, पश्चिम बंगाल की जनता की भावनाओं को ध्‍यान में रखते हुए यह घोषणा की गई कि कोलकाता बंदरगाह का नाम बदलकर उसे नया नाम श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी दिया जाएगा ।

 

1870 के कानून V के अनुसार कलकत्‍ता बंदरगाह (Kolkata Port)  के सुधार के लिए आयुक्‍तों की नियुक्ति पर 17 अक्‍तूबर 1870 को यह एक ट्रस्‍ट द्वारा संचालित हुआ।

इसकी विशेषता है कि यह पहली अनुसूची भाग 1- भारतीय बंदरगाह कानून 1908 में क्रम संख्‍या 1 पर है और प्रमुख बंदरगाह ट्रस्‍ट कानून 1963 द्वारा संचालित है।

कोलकाता बंदरगाह (Kolkata Port)  ने अपनी यात्रा के 150 वर्ष तय किए हैं। यह व्‍यापार, वाणिज्‍य और आर्थिक विकास के लिए भारत का मुख्‍य द्वार है।

यह आजादी के लिए भारत के संघर्ष, प्रथम और द्वितीय विश्‍व युद्ध तथा देश में, विशेषकर पूर्वी भारत में हो रहे सामाजिक-आर्थिक बदलाव का गवाह भी रहा है।

आमतौर से भारत में प्रमुख बंदरगाहों के नाम शहर अथवा उस कस्‍बे के नाम पर हैं जहां वे स्थित हैं, हांलाकि विशेष मामलों में अथवा जाने-माने नेताओं के योगदान पर गौर करने के कारण कुछ बंदरगाहों पहले भी महान राष्‍ट्रीय नेताओं के नाम पर नया नाम दिया गया।

न्‍हेवा शेवा बंदरगाह को सरकार ने 1988 में जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह ट्रस्‍ट नाम दिया। तूतीकोरन बंदरगाह ट्रस्‍ट का नाम बदलकर वर्ष 2011 में वी.ओ. चिदम्‍बरनार बंदरगाह ट्रस्‍ट कर दिया गया और एन्‍नौर बंदरगाह लिमिटेड को जाने माने स्‍वाधीनता सेनानी और तमिलनाडु के पूर्व मुख्‍यमंत्री  के.कामराजार के सम्‍मान में कामराजार बंदरगाह लिमिटेड नाम दे दिया गया।

हाल में 2017 में कांडला बंदरगाह का नाम बदलकर दीनदयाल बंदरगाह कर दिया गया। इसके अलावा अनेक हवाई अड्डों के नाम भारत के महान नेताओं के नाम पर रखे गए हैं।