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अब पूंजी की कमी नहीं रहेगी सरकारी बैंकों में, नए उपाय लागू

सरकार ने बुद्धवार को  सरकारी बैंकों को रीकैप करने के साथ ही व्यापक सुधार योजना लागू करने के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। इससे बैंकिग क्षेत्र में पूंजी की कमी नहीं रहेगी तथा लोगों को बैंकिग सुविधाओं का और अधिक लाभ भी मिल सकेगा।

इस संबंध में जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रत्‍येक गांव में 5 किलोमीटर के भीतर बैंकिंग सेवाएं उपलब्‍ध कराने की प्रतिबद्धता, इलेक्‍ट्रॉनिक लेन-देन में किसी भी प्रकार के अनधिकृत डेबिट या पैसा काट लेने के मामले में 10 दिन के भीतर धनराशि की वापसी, बैंकिंग आऊटलेट पता करने के लिए एक मोबाइल ऐप और प्रत्‍येक कम बैंक शाखाओं वाले जिले में एक मोबाइल एटीएम शामिल है।

इस योजना से सभी सरकारी बैंकों की  पूंजी के लेन-देन की आवश्‍यकता पूरी होगी और अर्थव्‍यवस्‍था को  तरल बनाने  और अधिकाधिक उधार देने के लिए  पर्याप्‍त धनराशि उपलब्‍ध होगी।

सुदृढ़ सुधार पैकेज में छ: मूल विषय शामिल हैं :

  • उत्‍तरदायी बैंकिंग,
  • ऋण बढ़ोत्‍तरी,
  • उद्यमी मित्र
  • वित्‍तीय समावेशन,
  • डिजिटलाइजेशन तथा
  • ब्रांड पीएसबी ( Public Sector Banks )

सरकार ने आज अक्‍टूबर, 2017 में घोषित सरकारी क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के पुनर्पूंजीकरण के ब्‍यौरे को स्‍पष्‍ट किया है। वर्ष 2017-18 के पूंजी निवेश योजना में पुनर्पूंजीकरण बॉण्‍ड के जरिए 80,000 करोड़ रुपए तथा बजटीय सहायता के रूप में 8,139 करोड रुपए शामिल है।

सरकार द्वारा पूंजी का निवेश सुधार के संबंध में पीएसबी के कार्यनिष्‍पादन के अनुरूप होगा। पीएसबी के पूर्णकालिक निदेशकों को कार्यान्‍वयन हेतु उद्देश्‍य-वार सुधार सौंपे जाएंगे। इस संबंध में उनके कार्यनिष्‍पादन का मूल्‍यांकन बैंक बोर्ड द्वारा किया जाएगा।

पहुँच तथा सेवा गुणवत्‍ता के संबंध में लोगों के विचार का आकलन करने के लिए ईएएसई (EASE) के संबंध में एक सर्वेक्षण स्‍वतंत्र एजेंसी के द्वारा किया जाएगा। सर्वेक्षण के परिणाम को प्रति वर्ष सार्वजनिक किया जाएगा।