singapore prime minister met indian president pranab mukherjee

सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से की मुलाकात

नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (जस)। सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली हेसेन लूंग ने बुधवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। लूंग का भारत में स्वागत करते हुए राष्ट्रपति ने सिंगापुर के संस्थापक पिता ली क्वान यूँ और पूर्व राष्ट्रपति एस आर नाथन के निधन पर अपना शोक प्रकट किया। उन्होंने कहा कि भारत ली क्वान यू की दूरदृष्टि और विचारों की सराहना करता है। उनके निधन से भारत में भी गहरी शोक की लहर थी।

राष्ट्रपति ने कहा कि वह यह जानकर खुश हैं कि सिंगापुर असम में कौशल विकास केन्द्र के निर्माण में असम सरकार के साथ सहयोग कर रहा है। भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का स्वाभाविक सहयोगी है। सीईसीए के समापन के बाद द्विपक्षीय कारोबार बढ़ने पर राष्ट्रपति ने खुशी जताई। दोनों देशों के बीच 2011-12 में द्विपक्षीय व्यापार 25.2 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया था। हालांकि 2015-16 में घटकर यह 15 बिलियन अमरीकी डॉलर रहा।

प्रणब मुखर्जी ने कहा कि व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए दोनों को मिलकर काम करना होगा। भारत को लेकर इस समय विदेशी निवेशकों का विश्वास काफी बढ़ा हुआ है। निवेश को लेकर भारत सबसे आकर्षक स्थल के रूप में उभरा है। सिंगापुर की कंपंनियों को भारत में काम करने का अनुभव है और वे हमारे निवेश परिदृश्य से भली-भांति परिचित हैं। हम उम्मीद करते हैं कि सिंगापुर की अन्य कम्पंनियाँ भी भारत में निवेश करेंगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और सिंगापुर दोनों वैश्विक समुदाय के लिए समान खतरा बन चुके आतंकवाद और कट्टरवाद को लेकर चिंतित हैं। भारत सीमा पार से हुए आतंकी हमलों का शिकार रहा है। इन आतंकी हमलों को अंजाम देने वाले संगठनों को पाकिस्तान में सुरक्षित पनाह मिली हुई है। हाल ही में उड़ी में हुआ आतंकी हमला स्पष्ट रूप से यह दर्शाता है कि पाकिस्तान में आतंकी ढांचा सक्रिय है। भारत में हमला करने के मकसद से हथियार बंद आतंकवादी नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय रेखा को लगातार पार करने का प्रयास करते रहते हैं।

इस अवसर पर सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने उड़ी आतंकी हमले की निंदा की और हमले में शहीद हुए सैनिकों के प्रति शोक प्रकट किया। उऩ्होंने कहा कि सिंगापुर भी आतंकवाद को लेकर सतर्क हैं। साथ ही उन्होंने दक्षिण एशिया में शांति की कामना की और कहा कि सिंगापुर भारत के साथ अऩ्य क्षेत्रों में भी सहयोग करना चाहता है।