The percentage of contract labor in factories increased from 28 to 98 percent.

फैक्ट्रियोँ में कॉन्ट्रैक्ट लेबर का प्रतिशत 28 से बढ़कर 98 प्रतिशत हुआ

नई दिल्ली, 26 मार्च। कांग्रेस नेता और पूर्व एमपी संदीप दीक्षित ने आरोप लगाया है कि फैक्ट्रियोँ में कॉन्ट्रैक्ट लेबर का प्रतिशत 98 प्रतिशत होगया है जबकि 2011-12 में यह 28 प्रतिशत था।

कांग्रेस मुख्यालय में आज मीडिया को सम्बोधित करते हुए उन्होंने पिछले साल आई ‘एनुअल सर्वे ऑफ इंडस्ट्रीज’ की रिपोर्ट का हवाला दिया और कहा कि रिपोर्ट में 28% का आंकड़ा बढ़कर 98% पर आ गया है।

बीजेपी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के अनुसार आप घर पर कोई भी काम कर लें तो उसे रोजगार मान लिया जाता है। हिंदुस्तान केवल एक देश है, जिसमें अनपेड फैमली वर्कर को एंप्लॉयड माना जाता है।

मोदी सरकार ढिंढोरा पीट रही है कि देश में बेरोजगारी दर बहुत कम हुई है।

कांग्रेस नेता का आरोप है कि मोदी सरकार का सबसे खराब प्रभाव उन क्षेत्रों में रहा, जहां हमारे खेतीहर मजदूर, मजदूर और श्रमिक काम करते रहे हैं।

दीक्षित ने कांग्रेस की पांच अधिकारों की चर्चा की और कहा कि 1. स्वास्थ्य अधिकार के तहत कांग्रेस श्रमिकों के लिए स्वास्थ्य अधिकार का कानून बनाने की गारंटी देती है।

इसके साथ असंगठित क्षेत्र तथा Disabilities के शिकार लोगों के लिए जरूरी जांच, मुफ्त इलाज, दवाओं का इंतजाम, सर्जरी सहित Rehabilitative और Palliative Care सहित Universal healthcare की व्यवस्था की जाएगी।

  1. श्रम का सम्मान के तहत कांग्रेस पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाकर 400 रुपए प्रतिदिन करेगी, जो मनरेगा श्रमिकों के लिए भी लागू होगी।

  2. शहरी रोजगार गारंटी में कांग्रेस शहरी क्षेत्रों के लिए रोजगार गारंटी कानून लाएगी। इसके तहत पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने, शहरों को जलवायु के अनुसार ढालने और सामाजिक सेवा तंत्र को और मजबूत बनाया जाएगा।

  3. सामाजिक सुरक्षा क्षेत्र में असंगठित क्षेत्र के सभी श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा के लिए जीवन बीमा और दुर्घटना बीमा का प्रावधान होगा।

  4. सुरक्षित रोजगार के तहत मोदी सरकार द्वारा पारित Anti-worker labour codes की कांग्रेस व्यापक समीक्षा करेगी। श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए उचित संशोधन की भी हम गारंटी देते हैं।

दीक्षित ने कहा कि इसके अलावा
• कांग्रेस मुख्य सरकारी कार्यों में रोजगार के लिए ठेका प्रथा को बंद करेगी।
• ठेका मजदूरी केवल आखिरी विकल्प होगा, जिसमें श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित होगी।
• निजी क्षेत्रों के लिए भी कांट्रैक्ट रोजगार में सामाजिक सुरक्षा का पालन करना जरूरी होगा।