अगस्ता वेस्टलैंड : रिटायरमेंट के बाद वायु सेना के पूर्व प्रमुख त्यागी का 2 बार इटली जाना संदेह के घेरे में

रजनीश सिंह=====

नई दिल्ली, 3 मई | भारतीय वायु सेना के पूर्व प्रमुख एसपी त्यागी का रिटायरमेंट के बाद दो बार इटली जाना केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को खल रहा है। सीबीआई 3600 करोड़ कीमत के अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी चॉपर मामले से जुड़े घूसखोरी के आरोपों की जांच कर रही है।

सूत्रों ने बताया कि त्यागी ने पूछताछ के दौरान बताया है कि वह 2007 में अपनी सेवानिवृति के बाद 2008 से 2009 के बीच दो बार फ्लोरेंस, मिलान और वेनिस गए थे।

पूर्व एअर चीफ मार्शल के साथ सोमवार को सीबीआई ने पूछताछ की। ऐसा आरोप है कि इस सौदे को मूर्त रूप देने के लिए भारतीय अधिकारियों और नेताओं को घूस दी गई थी।

पहचान जाहिर न होने देने की शर्त पर सीबीआई के जांचकर्ताओं ने बताया कि वह त्यागी के इटली के तीन शहरों के दौरे का कारण अब तक नहीं जान पाए हैं लेकिन उनका मानान है कि यह कहीं न कहीं अगस्ता वेस्टलैंड मामले से जुड़ा है।

सूत्रों ने कहा कि सीबीआई यह भी पता लगाने की कोशिश मे ंहै कि इटली दौरे के दौरान क्या त्यागी अगस्ता मामले में दलाल रहे गुइडो हाच्क और कार्लो गेरोसा से भी मिले थे या नहीं। वैसे 2004 से 2007 के बीच त्यागी भारत में इन दोनों से सात बार मिले थे।

त्यागी इटली और भारत में आरोपी हैं। त्यागी पर आरोप है कि उन्होंने चॉपर करार को मूर्त रूप देने के लिए इसका फ्लाइंग सीलिंग 6000 मीटर से घटाकर 4500 मीटर करने में मदद की थी।

त्यागी ने बार-बार कहा है कि फ्लाइंग सीलिंग कम करने का फैसला स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) के अधिकारियों और प्रधानमंत्री कार्यालय से सलाह के बाद ही किया गया था।

इस करार के तहत 12 हेलीकॉप्टर भारत लाए गए थे।

सीबीआई का कहना है कि सर्विस सिलिंग को कम करने के बाद ही ब्रिटेन की यह कम्पनी करार की शर्तो को पूरा करते दिख रही थी। फ्लाइंग सीलिंग सामान्य उड़ान के दौरान हेलीकॉप्टर की अधिकतम ऊंचाई से जुड़ा है।

अगर ऐसा नहीं हुआ होता तो फिर यह कम्पनी करार की शर्तो को पूरा करते नहीं दिख रही थी।

यह मामला उस समय सामने आया, जब इटली की एक अदालत ने बीते महीने हेलीकॉप्टर करार के एक मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम लिया लेकिन इन दो नेताओं की गलत संलिप्तता को लेकर किसी प्रकार का विवरण नहीं दिया गया।

सीबीआई को मिलान की उस अदालत के फैसले की प्रतियां मिली हैं। अब इसके आधार पर सीबीआई त्यागी से अलग तरीके से पूछताछ की तैयारी कर रही है। त्यागी ने हालांकि घूसखोरी के आरोपों को नकार दिया है।

त्यागी से इस मामले में 2013 में भी पूछताछ की गई थी लेकिन सोमवार को जो पूछताछ हुई, वह इटली की अदालत के फैसले के बाद पहली पूछताछ थी।

सूत्र ने बताया कि 2004 में अगस्ता की इटली स्थित पैत्रिक कम्पनी फिनमेकानिका के प्रतिनिधि पहली बार त्यागी से मिले थे। त्यागी उस समय वायु सेना उप प्रमुख थे।

जनवरी 2005 में हेच्क और गेरोसा त्यागी से मिले थे। इन दोनों की यह मुलाकात सरकार की उस घोषणा के बाद हुई थी, जिसमें कहा गया था कि त्यागी वायु सेना के अगले प्रमुख होंगे।

त्यागी इन दोनों से अगले महीने यानी फरवरी 2005 में मिले। यह मुलाकात बेंगलुरू में आयोजित एक एअर शो के दौरान हुई थी। इस एअर शो में अगस्त ने अपना एक स्टॉल लगाया था।

साल 2006 में जब त्यागी वायु सेना प्रमुख बने, तब वह कथित तौर पर दिल्ली स्थित अपने चचेरे भाई के दफ्तर और घर पर इन दो बिचौलियों से मिले थे।

सूत्र ने कहा कि इन तीन कथित मुलाकातों के दौरान त्यागी ने हेलीकॉप्टर करार से जुड़ी शर्तो में बदलाव किया था।

इटली की अदालत ने त्यागी पर अपने चचेरे भाई संजीव त्यागी, राजीव त्यागी और संदीप त्यागी के साथ मिलकर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है। इन तीनों को भी सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलाया है।

सीबीआई ने अदालत को बताया कि तीनों त्यागी बंधु काफी समय से हेच्के और गेरोसा के सम्पर्क में थे।

जनवरी 2013 में भारत ने अगस्ता चॉपर करार को रद्द कर दिया और सीबीआई को इस मामले से जुड़े घूसखोरी के आरोपों की जांच का आदेश दिया गया।

दो महीने बाद सीबीआई ने त्यागी व 13 अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया। इनमें त्यागी के तीन चचेरे भाई और यूरोपीयन बिचौलिए भी शामिल हैं।

इस मामले में अगस्त वेस्टलैंड, फिनमेकानिका, आईडीएस इंफोटेक लीमिटेड (भारत) और एरोमेट्रिक्स इंडिया के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज किए गए।

–आईएएनएस