ट्रेक्टर रैली के दौरान किसानों का ध्वज दंड पर चढ़ना राष्ट्रीय अस्मिता का अपमान

ट्रेक्टर रैली के दौरान किसानों का लाल किले की प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराये जाने वाले पवित्र ध्वज दंड पर चढ़ना राष्ट्रीय अस्मिता का अपमान है।

आन्दोलनकारी किसानों ने  राष्ट्रीय ध्वज फहराये जाने वाले पवित्र स्थान का जैसा अपमान किया उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता।

आन्दोलनकारी किसानों ने 26 जनवरी, 2021 को जो कृत्य किया उसे इतिहास में एक शर्मनाक याद के रूप में दर्ज माना जाएगा।

गणतंत्र को शर्मसार करने वाली इस घटना से भारतवासियों को गहरा आघात लगा है और आम लोगों में इस बात की तीखी प्रतिक्रिया हुई है कि जिस स्थान से राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है उस पवित्र स्थल पर आंदोलन कर रहे किसानों ने ऐसी हरकत की जिसे कभी माफ़ नहीं किया जा सकता।

ट्रेक्टर रैली की घटना पर इस संवाददाता ने कई लोगों से बातचीत की और सब की यही प्रतिक्रिया थी कि किसानों ने लाल किले की प्राचीर पर चढ़कर जो काम किया है उसे कभी भी सही नहीं ठहराया जा सकता। साफ साफ यह राष्ट्रीय अस्मिता का अपमान है।

यहाँ प्रस्तुत तस्वीरें टीवी चैनलों द्वारा दिखाई गई वीडियो फुटेज से ग्रेब की गई है लेकिन यह समझने के लिए काफी हैं कि आंदोलनकारी किसानों ने किस बुरी तरह देश की जनता की भावनाओं को आहत किया है।

तस्वीरें देखें

ट्रेक्टर रैली

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ट्रेक्टर रैली

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