मेरे काम का श्रेय केवल मुझे ही जाता है : प्रियंका चोपड़ा

निवेदिता===

नई दिल्ली, 14 अप्रैल। अमेरिकी टीवी श्रृंखला ‘क्वांटिको’ और जल्द ही रिलीज होने जा रही हॉलीवुड फिल्म ‘बेवॉच’ से अंतर्राष्ट्रीय ख्याति अर्जित करने वाली और पद्म पुरस्कार से नवाजी गईं बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा इन दिनों सफलता के आसमान की ऊंचाइयां छू रही हैं।

अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा 12 अप्रैल, 2016 नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान।
(फोटोः आईएएनएस)

उनका कहना है कि उनके काम का श्रेय केवल उन्हें ही जाता है, किसी और को नहीं।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से पद्मश्री सम्मान ग्रहण करने दिल्ली आईं प्रियंका ने आईएएनएस से एक साक्षात्कार में कहा, “मेरी एक उत्कृष्ट टीम है क्योंकि वह दो महाद्वीप में फैले मेरे काम को संभालती है, और इससे भी बड़ी बात यह कि किसी को नाराज नहीं करती। लेकिन, इसके साथ ही मेरा मानना है कि मैं बेहद खुशकिस्मत हूं। मैं सुनिश्चित करती हूं कि मुझे जो भी मौका मिले, मैं उसमें अपना पूरा तन-मन लगा दूं। इसलिए मेरे काम का श्रेय केवल मुझे ही जाता है, किसी और को नहीं। एक्शन और कट्स के बीच कैमरे के सामने मैं ही खड़ी होती हूं, कोई और नहीं।”

प्रियंका ने कहा कि लोग अपनी मेहनत से सफलता पाने वाली महिला से उसके काम का श्रेय ले लेते हैं।

प्रियंका ने सवाल उठाया, “लोग ‘इसको तो बनाया है’ कहकर कामकाजी लड़कियों की सफलता का श्रेय किसी और को दे देते हैं। लेकिन मेरा सवाल है, ‘कोई और क्यों नहीं बना अभी तक’।”

प्रियंका के पूर्व प्रबंधक ने एक बार कहा था कि वह अपने करियर के शुरुआती दौर में तनाव के कारण आत्महत्या करना चाहती थीं। इस बारे में पूछे जाने पर प्रियंका ने कहा, “मेरे पिता कहते थे, ‘जब हाथी चलता है तो कुत्ते भौंकते हैं।”‘

प्रियंका ने 17 साल की उम्र में ग्लैमर की दुनिया में कदम रखा था, जब वह मिस वर्ल्ड बनी थीं। उसके बाद 2003 में उन्होंने अपनी पहली बॉलीवुड फिल्म ‘द हीरो : लव स्टोरी ऑफ अ स्पाय’ से सिने जगत में कदम रखा था। उसके बाद से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा है।

‘क्वांटिको’ और ‘बेवॉच’ जैसे अंतर्राष्ट्रीय प्रोजेक्ट से जुड़ने के बाद क्या उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक नवोदित कलाकार जैसा महसूस होता है? यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “मेरे लिए यह एक विरोधाभास की स्थिति है क्योंकि वे भी नहीं जानते कि वे मुझसे कैसे पेश आएं। मैं ज्यादातर जहां भी जाती हूं या जो भी फिल्म करती हूं, लोग जानते हैं कि मैं दुनिया के एक अन्य हिस्से से आई एक बड़ी कलाकार हूं।”

प्रियंका ने हाल ही में ‘जंगल बुक’ के हिंदी संस्करण में अजगर ‘का’ को भी अपनी आवाज से जीवंत कर दिया है।

‘पीपुल्स च्वॉइस अवॉर्ड’ जीतने वाली पहली दक्षिण एशियाई अभिनेत्री प्रियंका का मानना है कि प्रशंसकों के कारण पश्चिम में स्टारडम की परिभाषा भारत से अलग है।

प्रियंका ने कहा, “यह देखना अद्भुत है कि एक प्रशंसक भारतीय सिनेमा और उसके कलाकारों को कितना पसंद करता है। किसी को आपके काम की तारीफ करते देखना और आपसे प्यार करते देखना बेहद संतोषजनक होता है। मुझे जैसा प्यार और अपनापन मिलता है, उससे मुझे मजबूती मिलती है। मुझे नहीं लगता कि दुनिया के किसी भी हिस्से में किसी और स्टार को कभी वैसा अनुभव हो सकता है जैसा एक भारतीय स्टार को होता है।”

(आईएएनएस)