Kedarnath Dnam

बद्रीनाथ-केदारनाथ के कपाट खुले, चार धाम यात्रा संभव

सोमवार को भगवान श्री बद्रीनाथ के कपाट ब्रह्म मुहूर्त में श्रद्धालुओं के लिए खुल गए। कपाट नवंबर तक खुले रहेंगे।

उत्तराखण्ड के तीन धामों गंगोत्री, यमुनोत्री एवं केदारनाथ के बाद  चौथे धाम श्री बद्रीनाथ के कपाट भी खुल गए। इस प्रकार अब चार धाम यात्रा का संकल्प लेकर आने वाले श्रद्धालु चारों धामों की यात्रा का पुण्यलाभ प्राप्त कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के अवसर पर सभी तीर्थयात्रियों, श्रद्धालुओं के साथ ही प्रदेश की जनता को शुभकामनायें दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चार धाम यात्रा में श्री बद्रीनाथ जी की यात्रा का भी बड़ा महत्व है, नर नारायण पर्वत श्रृंखलाओं की गोद में बसा यह पवित्र क्षेत्र सदियों से करोड़ो लोगों की आस्था का केन्द्र रहा है।

फोटो  : केदारनाथ धाम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि श्री बद्रीनाथ धाम तक वाहनों के आवागमन की सुविधा होने से यहां की यात्रा सर्व सुलभ है।

उन्होने चार धाम यात्रा पर आने वाले देश विदेश के श्रद्धालुओं का उत्तराखण्ड में स्वागत करते हुए कहा कि यात्रियों की सुविधा के लिये राज्य सरकार द्वारा सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित कर दी गई हैं। उन्होने कहा कि अतिथि देवो भवः देवभूमि उत्तराखण्ड की परम्परा रही है, यहां आने वाला व्यक्ति हमारा अतिथि है।

रावत के निर्देश पर चारधाम यात्रा मार्गों पर व्यापक चिकित्सा सुविधाए सुनिश्चित करने के लिए मजबूत कदम उठाये गये हैं।

यात्रा मार्गो पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेडिकल रिलीफ पोस्ट, चिकित्सा इकाइयां, एम्बुलेंस, ब्लड बैंक, ट्रामा सेंटर आदि की समुचित व्यवस्था की गई है।

बद्रीनाथ धाम में ‘‘हाइपरबेरिक आॅक्सीजन चैम्बर’’ लगाया गया है। जबकि केदारनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री में भी यह व्यवस्था शीघ्र ही शुरू की जायेगी।

अधिक ऊँचाई वाले क्षेत्रों में श्रद्धालुओं को हृदय से सम्बन्धित समस्याओं के त्वरित निदान के लिए ‘हाइपरबेरिक आॅक्सीजन चैम्बर’ की व्यवस्था की गई है।

यात्रियों को हृदय सम्बन्धी उपचार के लिए स्टैण्डर्ड ट्रीटमेंट प्रोटोकाॅल गाइडलाईन का अनुपालन करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिये गये हैं।

सचिव स्वास्थ्य नितेश झा ने बताया कि यात्रा मार्ग पर चिकित्सा अधिकारी/फार्मेसिस्ट एवं अन्य पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती कर दी गई है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप वाले लोगों एवं वरिष्ठ नागरिक को आकस्मिक उपचार के लिए इकोस्प्रिन एवं सोर्बिट्रेट दवाओं की व्यवस्था की गई है।

अधिक ऊचाँई पर होने वाले रोगों के उपचार हेतु प्रशिक्षित ‘सिक्स सिगमा हेल्थ केयर’, नई दिल्ली द्वारा उत्तराखण्ड में चारांे धाम के यात्रा मार्गों पर 21 जून तक विशिष्ठ सेवाएं दी जायेगी। इस हेल्थ केयर सेंटर द्वारा केदारनाथ धाम में कार्डियोलाॅजिस्ट, पल्मोनोलाॅजिस्ट की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।

यमुनोत्री धाम में भी शीघ्र ही कार्डियोलाॅजिस्ट उपलब्ध कराये जाएंगे। चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नम्बर104 को भी सुदृढ़ किया गया है। जिसके माध्यम से सभी स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक सूचना दी जायेगी तथा शिकायत एवं सुझाव भी लिए जायेंगे।

हेल्प लाइन के माध्यम से चारधाम यात्रा मार्गो पर श्रद्धाुलुओं को स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी भी उपलब्ध कराई जायेगी। सचिव स्वास्थ्य श्री नितेश झा ने बताया कि चारधाम यात्रा मार्गों में कुल 20 स्थानों पर मेडिकल रिलीफ पोस्ट बनाये गये हैं।

08 स्थानों पर फस्र्ट मेडिकल रिस्पोन्डर की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जबकि 103 स्थानों पर चिकित्सा इकाईयां बनाई गई हैं। इसके अलावा विशेषज्ञ चिकित्सकों, फार्मासिस्टों एवं स्टाफ नर्स की समुचित व्यवस्था की गई है।

चारधाम यात्रा मार्ग में 50 प्रमुख स्थानों पर एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई।

झा ने बताया कि आपातकालीन स्थिति में विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु उच्च चिकित्सीय संस्थानों जैसेमैक्स हाॅस्पिटल, हिमालयन हाॅस्पिटल, महन्त इन्द्रेश हाॅस्पिटल तथा बिरला ग्रुप से समन्वय स्थापित कर उनका सहयोग प्राप्त किया जा रहा है।

चारों धामों में टेली मेडिसिन की सुविधा आरम्भ की जाने वाली है।

श्री केदारनाथ धाम में टेली मेडिसिन की तैयारियाँ पूर्ण हो चुकी है। उन्होंने बताया कि यात्रा मार्ग पर किसी भी तरह की दुर्घटना होने पर विशेष त्वरित राहत दल की व्यवस्था की गई है। पीड़ितों को निकट अस्पताल अथवा आवश्यकतानुसार जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट तक ले जाने हेतु मुफ्त वाहन उपलब्ध कराया जायेगा।

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह विगत शनिवार को चारधाम यात्रा रूट में मुहैया सुविधाओं का निरीक्षण करते हुए गंगोत्री धाम पहुंचे।

उन्होने चारधाम यात्रा व्यवस्था को लेकर देर रात वन विभाग निरीक्षण भवन में अधिकारियों की बैठक ली।

हीना बायोमेट्रिक परिसर में स्वच्छता कर्मी तैनात न पाये जाने पर नाराजगी व्यक्त की। बायोमेट्रिक निरीक्षण के दौरान तक चार हजार यात्री पंजीकृत पाये गये।

उन्होने चारधाम यात्रा रूट में समुचित व्यवस्था बनाये रखने के साथ सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने को कहा।

मुख्य सचिव सिंह उत्तरकाशी से निरीक्षण करते हुए गंगोत्री पहुंचे। हीना में बायोमेट्रिक परिसर निरीक्षण के दौरान वहां स्थापित शौचालय तथा परिसर में सुलभ के कर्मी उपस्थित न पाये जाने पर कडी नाराजगी जाहिर की।

उन्होने सुलभ के अधिकारी को कडी चेतावनी देते हुए कहा कि सफाई को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही नही होनी चाहिए। शिकायत आने पर कठोर कार्यवाही की जायेगी। चारधाम यात्रा व्यवस्था एवं विशेषकर स्वच्छता को लेकर अधिकारी एवं अन्य लोगों से निरीक्षण कराये जायेगें।

हर्षिल में व्यवस्थाओं के जायजा लेते समय बस स्टेण्ड पर विगत वर्षों से खडी कार को हटवाने एवं परिसर को सुव्यवस्थित करने के निर्देश जिलाधिकारी को दिया।

उन्होने पंडा समाज से धाम में उपलब्ध व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। वहीं जिलाधिकारी उत्तरकाशी ने कहा कि स्नानघाट को स्वच्छ आईकान प्लेस के तहत निर्माण किया जा रहा है।

मुख्य सचिव ने निरीक्षण भवन में चारधाम यात्रा व्यवस्था से जुडे संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान पेयजल व्यवस्था की जानकारी लेते हुए कहा कि धाम में आने वाले यात्रियों को पेयजल की किसी भी प्रकार के समस्या नही होनी चाहिए, इस बात को गम्भीरता से लें।

उन्होने गंगोत्री धाम में बोरवेल पंम्पिग लगाने को लेकर उपयुक्त स्थान का चयन एवं पानी की उपलब्धता का सर्वे कर तुरंत कार्यवाही करने के निर्देश जिलाधिकारी को दिये। जल संस्थान को अवशेष एसटीपी कनेक्शन को शीघ्र जोडने के निर्देश दिये।

उन्होने नदी तट में आये मलवा को हटवाने के लिए जिलाधिकारी को सिचाई, खनन, वन एवं वाडिया इंस्टीट्यूट के अधिकारियों की कमेटी गठित करवाने तथा सर्वे रिपोर्ट के अनुरूप अग्रिम कार्यवाही करते हुए वर्षा से पूर्व मलवा हटाकर तटीय क्षेत्र को सुरक्षित बनाने के निर्देश दिये।

उन्होने कहा कि सड़क, रास्ते, गली, मंदिर चबूतरे आदि में केदारनाथ के तर्ज पर स्थानीय पत्थर कटवाकर लगाये। जिससे मजबूती के स्थानीय शिल्प को भी बढावा मिलेगा।

उन्होने विद्युत आपूर्ति को बनाये रखने हेतु संबंधित अधिकारी को गम्भीरता से लेने के निर्देश दिये। जिस पर जिलाधिकारी ने कहा कि धाम परिसर में 100 सोलर लाईट स्थापित किये गये है। जबकि उरेडा से जनरेट विद्युत मंदिर परिसर आदि स्थानों में आपूर्ति की जा रही है।

स्वास्थ्य सुविधा को लेकर उन्होने तैनात डाक्टर से जानकारी ली, कहा कि धाम यात्रा में आने वाले लोगों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत नही होनी चाहिए प्राथमिकता के तहत अपनी सेवा देना सुनिश्चित करें।

उन्होने सुलभ शौचालय एवं जिला पर्यटन अधिकारी को निर्देश दिये कि हीना एवं डबरानी में शौचालय की संख्या बढ़ाना सुनिश्चित करें। यात्रा जोरों पर होने से समस्या उत्पन्न हो सकती है। अभी से अतिरिक्त व्यवस्था बनाये रखना सुनिश्चित करेंगे। भीड़ भाड वाले स्थानों पर अतिरिक्त कर्मचारी तैनात करें।

उन्होने कहा कि समुचित चारधाम यात्रा रूटों में स्वच्छता बनाये रखना उनकी प्राथमिकता है। स्वच्छता को लेकर किसी भी प्रकार की अनदेखी करने पर कठोर कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।

रविवार को सुबह मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने गौमुख पैदल ट्रेक निरीक्षण हेतु प्रस्थान किया।