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कोरोनावायरस (COVID-19)  बीमारी के लक्षण क्या हैं? 

हर कोई यह जानना ज़रूर चाहेगा कि कोरोनावायरस (COVID-19)  बीमारी के लक्षण ( symptoms) क्या हैं?

इसके बारे में मार्च 2020 से ही अनेक बातें सामने आने लगी हैं। अब जब भारत और दुनिया के दूसरे देशों में लोगों ने काम काज शुरू कर दिया है तो  यह समझना अधिक ज़रूरी है कि कोविड-19 (COVID-19) से अपना बचाव करते हुए ज़िन्दगी को पटरी पर कैसे लाएँ?

तो सबसे पहले कोविड-19 के लक्षणों को समझना ज़रूरी होगा।

दुनिया के अधिकांश स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोनोवायरस के तीन मुख्य लक्षणों को सूचीबद्ध किया गया है, ताकि लोगों को इसके बारे में पता होना चाहिए और इस कोरोना-काल में अपना-अपना कार्य करने के लिए तैयार होना चाहिए।

अपना काम करते हुए यह जाने कि कोरोना के लक्षण क्या हैं?

लक्षण  हैं :-

  • खांसी, नई लगातार खांसी, जहां आप एक घंटे से अधिक समय तक खांसते हैं, या 24 घंटे में तीन या अधिक खांसी वाले एपिसोड होते हैं

  • बुखार – जहां आपका तापमान 37.8 सेंटीग्रेट से ऊपर है

  • गंध या स्वाद में कमी 

यदि आप, या आप जिस किसी के साथ रहते हैं, उनमें भी ऐसा कोई भी लक्षण है, तो सलाह है कि घर पर रहें और दूसरों को कोरोनोवायरस देने के जोखिम को रोकें।

रोग नियंत्रण और रोकथाम के लक्षणों के बारे में अमरीका के स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि

  • ठंड लगना,
  • बार-बार कंपन होना,
  • मांसपेशियों में दर्द,
  • गले में खराश,
  • मतली या उल्टी और दस्त आना

लक्षण में शामिल हैं।

ब्रिटेन के शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि

  • उल्टी,
  • दस्त और
  • पेट में ऐंठन

बच्चों में कोरोनावायरस संक्रमण का संकेत हो सकता है।

कोरोनावायरस को अपने लक्षणों को दिखाना शुरू करने में औसतन पांच दिन लगते हैं, लेकिन कुछ लोगों को बहुत बाद में इसके लक्षण दिखाई देते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि कोरोनावायरस के पूरे लक्षण दिखाई देने में 14 दिन लग सकते हैं।

आप के दिमाग में सवाल भी होगा कि लोगों को अस्पताल जाने की आवश्यकता कब होती है?

चिकित्सकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि पेरासिटामोल जैसी दवाओं से  कोरोनावायरस (COVID-19) वाले अधिकांश लोग आराम और दर्द से राहत के बाद ठीक हो जाएंगे, लेकिन ‘जनसमाचार’ की साफ़ चेतावनी है कि बिना अपने डाॅक्टर की सलाह के कोई दवा अपने आप न लें।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि सांस लेने में कठिनाई होने पर लोगों को अस्पताल में इलाज की आवश्यकता होती है।

अस्पताल में डॉक्टर फेफड़ों को स्कैन करके देख सकते हैं कि वे कितनी बुरी तरह से प्रभावित हैं और जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन या वेंटिलेशन जैसे सपोर्ट देते हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की स्पष्ट सलाह है कि
बिना काम घर से न निकलें
निकलें तो मास्क लगाएँ
सामाजिक दूरी बनाये रखें
साबुन से हाथ धोते रहें
भीड़-भाड़ वाले इलाकों में बिना मास्क न जाएँ और कम से कम दो मीटर की दूरी बनाये रखें।

अगर आपने नियमों का पालन किया तो आप खुद भी सुरक्षित रहेंगे, काम भी कर सकेंगे, बीमारी से बचे रहेंगे और दूसरों को बीमार करने से भी बचेंगे।

(यहाँ प्रकाशित उपरोक्त जानकारी विभिन्न सूचना माध्यमों से प्राप्त हुई है एवं इसे चिकित्सक सलाह न माने। यह केवल बीमारी को समझने के लिए है। – संपादक )