तीनों कृषि कानून

तीनों कृषि कानून किसानों के लिए डेथ वारंट, अरविंद केजरीवाल बोले

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों के लिए डेथ वारंट जैसे हैं, इसे लागू होने से किसानी चंद पूंजीपतियों के हाथ में चली जाएगी ।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तीन कृषि कानूनों के संबंध में 21 फरवरी, 2021 को दिल्ली विधानसभा परिसर में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान नेताओं के साथ बैठक कर चर्चा की।
उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार तीनों काले कानूनों को तुरंत वापस ले और स्वामीनाथन आयोग के अनुसार सभी 23 फसलों को एमएसपी पर खरीद करने की गारंटी दी जाए।
सीएम ने कहा, केंद्र सरकार को किसानों के साथ बातचीत करनी चाहिए। अगर हमारे देश के किसानों की कोई सरकार नहीं सुनेगी, तो फिर किसकी सुनेगी?
बैठक में दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल, कैबिनेट मंत्री कैलाश गहलोत और राजेंद्र पाल गौतम के साथ राज्यसभा सांसद संजय सिंह व विधायक दिलीप पांडे मौजूद रहे।
इसके अलावा, किसान नेता चौधरी रोहित जाखड़, चौधरी यशपाल सिंह, विरेंद्र गुज्जर, चौधरी उधम सिंह, राहुल बेदी, कुलदीप त्यागी, चौधरी बाबा श्याम सिंह, चैधरी संजय, चौधरी शोखेंद्र, ठाकुर पुरन सिंह, सिराजुद्दीन चौहान और चौधरी दलबीर आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
बैठक में मौजूद किसान नेता चौधरी रोहित जाखड़ ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने जाति-धर्म और संप्रदाय की सभी दीवारें तोड़ कर पश्चिमी यूपी की पूरी चौधराहट को विधानसभा में बुला कर आतिथ्य दिया है। यह वैसा ही है, जैसा सुदामा को श्रीकृष्ण ने दिया था।
चौधरी श्याम सिंह ने कहा कि हमने सीएम अरविंद केजरीवाल के बारे में जैसा सुना था, वैसा ही उनमें पाया। हम उनके साथ हैं, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होगी, हम वापस घर नहीं जाएंगे।
चौधरी यशपाल सिंह ने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने हमें हमेशा सहयोग देते रहने का आश्वासन दिया है। मांगें पूरी होने तक हमारा धरना जारी रहेगा।
तीनों कृषि कानून के बारे में दिल्ली विधानसभा में किसानों के साथ बैठक के उपरांत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश से कई किसान नेता दिल्ली विधानसभा के प्रांगण में तीनों काले कानूनों के ऊपर चर्चा करने के लिए आए थे।
तीनों कानूनों के बारे में काफी विस्तार से चर्चा हुई। भारतीय जनता पार्टी और केंद्रीय सरकार बार-बार यह कह रही है कि इन कानूनों से किसानों को फायदा है, लेकिन अभी तक वो एक भी फायदा जनता को बताने में नाकाम रहे है।