लद्दाख सेक्टर

लद्दाख सेक्टर में चीनी सैनिकों की मौजूदगी एक महत्वपूर्ण सुरक्षा चुनौती

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को फिर कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा एलएसी के लद्दाख सेक्टर में बड़ी संख्या में चीनी सैनिकों की मौजूदगी भारत के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा चुनौती बनी हुई है और इसने दोनों पक्षों द्वारा बनाए गए रिश्तों को बिगाड़ दिया है।

एशिया सोसाइटी के लिए पूर्व ऑस्ट्रेलियाई प्रीमियर केविन रुड के साथ भारत के सामने वैश्विक चुनौतियों पर  16 अक्टूबर, 2020 को रक्षा विशेषज्ञों की माने तो चर्चा में भाग लेते हुए जयशंकर ने कहा कि एलएसी पर हुए संघर्ष और तैनात चीनी बलों की बड़ी संख्या दुखद है।

रक्षा विशेषज्ञों की माने तो भारत और चीन के बीच तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। एक और दोनों देश समाधान की टेबल पर बैठकर रास्ता तलाशने की घोषणा करते हैं और उसके दूसरे दिन चीन समाधान के लिए तैयार की गई इबारत पर पानी गिराकर उसे धुँधला बना देता है।

जानकारों का कहना है कि चीन के मन में कुछ और है और बातें कुछ और करता है, इसलिए उस पर अब किसी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता। भारत सरकार को भी किसी व्यापारिक लाभ के झांसे में नहीं रहना चाहिए।

लद्दाख सेक्टर में  इस साल की  घटनाओं ने यह साफ कर दिया है कि चीन के मंसूबे विस्तारवादी हैं और उन्हें नाकाम करने के लिए भारत को हर वक्त ईंट का जवाब पत्थर से देना चाहिए।

हाल ही में भारत और चीन के वरिष्ठ कमांडरों की 7वीं बैठक 12 अक्टूबर को चुशूल में आयोजित की गई थी और उसमें   दोनों पक्षों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पर निष्ठा और गंभीरता के साथ रचनात्मक विचारों का आदान-प्रदान किया।

लद्दाख सेक्टर की घटनाओं और हालातों के बारे में हुई कमांडरों की बैठक के बाद सरकार ने वक्तव्य में कहा कि ये चर्चाएँ सकारात्मक तथा रचनात्मक हैं और एक-दूसरे की स्थिति के बारे में समझ को बेहतर बनाती हैं लेकिन दूसरी ओर चीन के बारे में समझ रखने वालों ने टिप्पणी की कि यह एक प्रकार का कूटनीतिक ढकोसला और चीन द्वारा झाँसे का जाल बुनना है।

इसी दिन दोनों पक्षों ने सैन्य और राजनयिक माध्यमों के जरिये संवाद और संचार बनाए रखने और सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया के लिए जल्द से जल्द पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान पर पहुंचने पर सहमति व्यक्त की, जो क्रियान्वित होती दिखाई नहीं दे रही है।

रक्षा मामलों के जानकारों का कहना है कि बीते 15 दिन के हालातों पर नज़र डालें तो एलएसी पर चीन की सेना का जमावड़ा चिन्ताजनक है और भारत के रक्षा बल पूरी तरह चैकसी कर रहे हैं।